सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए निरंतर प्रयास किए जाते हैं। जिसके लिए सरकार विभिन्न योजनाएं संचालित करती हैं। इन योजनाओं के माध्यम से छात्रों को छात्रवृत्ति एवं आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। जिससे कि वह शिक्षा की प्राप्ति कर सकें। वर्ष 2020 में केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लांच की गई है। सबसे पहले सरकार द्वारा भारत में 1968 में शिक्षा नीति बनाई गई थी। इसके पश्चात 1986 में बनाई गई थी एवं इसके बाद 1992 में इसे संशोधित किया गया था। लगभग 34 साल बाद सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति बनाई गई है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से National Education Policy 2023 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने जा रहे हैं। आप इस लेख को पढ़कर इस शिक्षा नीति के लाभ, विशेषताएं, प्रमुख बिंदु आदि से संबंधित जानकारी की प्राप्ति कर सकेंगे।
National Education Policy 2023
केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लांच की गई है। यह शिक्षा नीति शिक्षा के स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से एवं 21वीं सदी की शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए लांच की गई है। इस नीति के माध्यम से स्कूल एवं कॉलेजों में शिक्षा प्रदान की जाएगी। शिक्षा नीति के अंतर्गत 10+2 के पैटर्न की जगह 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। इसके अलावा वर्ष 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से मध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। इस शिक्षा नीति में शिक्षा से संबंधित विभिन्न नियमों में बदलाव किए गए हैं। इस नीति के माध्यम से ना केवल छात्रों का विकास हो सकेगा बल्कि शिक्षकों के लिए भी व्यवसायिक विकास के प्रावधान शामिल किए गए हैं। शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षकों को सर्विस ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी। इस नीति को बनाने के लिए सरकार द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था जिसके अध्यक्ष इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन थे। इस समिति द्वारा शिक्षा नीति के विभिन्न प्रावधान निर्धारित किए गए हैं। वर्ष 1986 के बाद भारत की यह तीसरी शिक्षा नीति है।
नई शिक्षा नीति 2023 का उद्देश्य
- नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर में सुधार करना है।
- इस नीति के माध्यम से भारत को वैश्विक स्तर पर शैक्षणिक रूप से महाशक्ति बनाने का प्रयास किया जाएगा।
- इसके अलावा भारत में शिक्षा का सावभौमीकरण भी किया जाएगा।
- जिससे कि शिक्षा प्रत्येक छात्र तक प्रदान की जा सके।
- इस नीति को सभी शिक्षण संस्थानों में वर्ष 2030 तक लागू कर दिया जाएगा।
Key Highlights Of National Education Policy
योजना का नाम | नई शिक्षा नीति |
किसने आरंभ की | भारत सरकार |
लाभार्थी | भारत के नागरिक |
उद्देश्य | शिक्षा के स्तर में सुधार करना |
साल | 2023 |
नई शिक्षा नीति के लाभ तथा विशेषताएं
- केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लांच की गई है।
- यह शिक्षा नीति शिक्षा के स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से एवं 21वीं सदी की शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए लांच की गई है।
- इस नीति के माध्यम से स्कूल एवं कॉलेजों में शिक्षा प्रदान की जाएगी। शिक्षा नीति के अंतर्गत 10+2 के पैटर्न की जगह 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा।
- इसके अलावा वर्ष 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से मध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा।
- इस शिक्षा नीति में शिक्षा से संबंधित विभिन्न नियमों में बदलाव किए गए हैं।
- इस नीति के माध्यम से ना केवल छात्रों का विकास हो सकेगा बल्कि शिक्षकों के लिए भी व्यवसायिक विकास के प्रावधान शामिल किए गए हैं।
- शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षकों को सर्विस ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी।
- इस नीति को बनाने के लिए सरकार द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था जिसके अध्यक्ष इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन थे।
- इस समिति द्वारा शिक्षा नीति के विभिन्न प्रावधान निर्धारित किए गए हैं।
- वर्ष 1986 के बाद भारत की यह तीसरी शिक्षा नीति है।
नई शिक्षा नीति से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
- एनसीसी कोर्स को किया जाएगा आरंभ – नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अब विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में एनसीसी को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। जिसके अंतर्गत एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालय में एक वैकल्पिक विषय के रूप में रखा जाएगा। जिससे कि देश के विद्यार्थी अनुशासन एवं देश भक्त बन सके।
- शिक्षकों का व्यवसायिक विकास- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षकों के लिए भी विभिन्न प्रावधान निर्धारित किए गए हैं। अब शिक्षकों के लिए व्यवसायिक विकास अनिवार्य कर दिया गया है। जिसके लिए सरकार द्वारा दीक्षा प्लेटफार्म पर 50 घंटे का मॉड्यूल लांच किया गया है। इस मॉड्यूल के अंतर्गत 4 से 5 घंटे के 18 मॉड्यूल शामिल किए गए हैं।
- छात्रों के मानसिक स्वस्थ से दिया जाएगा ध्यान- इस पॉलिसी के अंतर्गत छात्रों पर मानसिक रूप से खास ध्यान दिया जाएगा एवं मानसिक स्वास्थ्य को महत्व दिया जाएगा। जिसके लिए सरकार एक इनीशिएटिव लांच करेगी। जिसका नाम मनु दर्पण है। इस इनिशिएटिव के माध्यम से छात्रों को परामर्श तथा भावनात्मक सहायता प्रदान की जाएगी।
- टीईटी में किए गए बदलाव- इस शिक्षा नीति के अंतर्गत सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा के स्वरूप में बदलाव किए गए हैं। अब तक यह परीक्षा दो हिस्सों में होती थी लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बटा होगा। इसी के आधार पर टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा।
- छात्रों को प्रदान की जाएगी वित्तीय सहायता- इस शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के भी प्रावधान शामिल किए गए हैं। यह वित्तीय सहायता उन छात्रों को प्रदान की जाएगी जो शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है।
- आईआईटी को बनाया जाएगा बहू विषक संस्थान- सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत आईआईटी जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों को मानविकी छात्रों के लिए भी खोला जाएगा।
- नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी। जिसके माध्यम से शोध की संस्कृति को सक्षम बनाया जाएगा।
- स्ट्रीम्स को किया गया खत्म- अब सरकार द्वारा साइंस कॉमर्स एवं आर्ट्स स्ट्रीम को खत्म कर दिया गया है। बच्चों द्वारा अब अपने पसंद के सब्जेक्ट लिए जा सकते हैं।
- B.ed को किया गया 4 साल का- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अब b.ed की शिक्षा को 4 वर्ष का कर दिया गया है। वर्ष 2030 के अंत तक शिक्षक की न्यूनतम योग्यता 4 साल का b.ed प्रोग्राम होगा।
- वोकेशनल स्टडीज पर किया जाएगा फोकस- हमारे देश में वोकेशनल स्टडीज सीखने वाले छात्रों की संख्या केवल 5% है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छठी कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सिखाई जाएगी। जिसमें बागवानी, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन बिजली का काम आदि शामिल है।
- मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषा में प्रदान की जाएगी शिक्षा- अब छात्रों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी। जिससे कि वह शिक्षा को बेहतर तरीके से समझ सके। पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने का प्रावधान नई शिक्षा नीति के अंतर्गत निर्धारित किया गया है।
- विदेशी भाषा- माध्यमिक स्तर पर छात्रों को अपने पसंद की एक विदेशी भाषा को सीखने का प्रावधान भी नई शिक्षा नीति के अंतर्गत रखा गया है। जिसमें फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, चाइनीस, जैपनीज आदि शामिल है।
National Education Policy के सिद्धांत
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विकसित करना
- बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ना
- उत्कृष्ट स्तर पर शोध करना
- बच्चों को सुशासन सिखाना एवं सशक्तिकरण करना
- शिक्षा नीति को पारदर्शी बनाना
- तकनीकी यथासंभव उपयोग पर जोर
- मूल्यांकन पर जोर देना
- विभिन्न प्रकार की भाषाएं सिखाना
- बच्चों की सोच को रचनात्मक एवं तार्किक करना
- प्रत्येक बच्चे की क्षमता की पहचान एवं क्षमता का विकास करना
- साक्षरता एवं संख्यामकता के ज्ञान को बच्चों के अंतर्गत विकसित करना
- शिक्षा को लचीला बनाना
- एक सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में निवेश करना
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की समीक्षा
- सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति की समीक्षा भी की जाएगी।
- जिसके लिए ड्राफ्ट कार्यान्वयन योजना भी लांच की गई है।
- यह योजना सितंबर 2020 में ही तैयार कर ली गई थी।
- नई शिक्षा नीति को 31 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के हितग्राही से फीडबैक प्राप्त किया गया था।
- इस फीडबैक को विशेषज्ञ ग्रुप ने देखा एवं कार्यान्वयन योजना में शामिल किया।
- इस योजना के अंतर्गत समय-समय पर सरकार द्वारा निगरानी करके बदलाव किए जाएंगे।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के प्रारंभिक शिक्षा के कुछ घटक
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल
कुछ शोध के अनुसार बच्चों के 85% मस्तिष्क का विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है। जिसके तहत नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 6 वर्ष तक की आयु तक के बच्चों पर खास ध्यान देने का प्रावधान रखा गया है। जिससे कि बच्चों का संपूर्ण रूप से विकास हो सके।
बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामकता
इस घटक के अंतर्गत सरकार द्वारा बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामक्त के ज्ञान को विकसित करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जाएंगे। सरकार द्वारा इसके लिए निपुण योजना लांच की गई है। इस योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का ज्ञान छात्रों को तीसरी कक्षा के अंत तक प्रदान किया जाएगा।
5+3+3+4 का स्कूली पाठ्यक्रम
सरकार द्वारा 5+3+3+4 के स्कूली पाठ्यक्रम को विकसित किया जाएगा। जिसमें 3 से 8, 8 से 11, 11 से 14 तथा 14 से 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस रूपरेखा के पहले भाग में प्री स्कूल के 3 साल तथा प्राथमिक स्कूल की पहली एवं दूसरी कक्षा, कक्षा 3 से 5, कक्षा 6 से 8 एवं कक्षा 9 से 12 शामिल है। यह रूपरेखा विद्यार्थियों का समग्र विकास करने के लिए तैयार की गई है।
नई शिक्षा नीति के चार चरण
फाउंडेशन स्टेज – फाउंडेशन स्टेज 3 से 8 साल तक के छात्रों के लिए हैं। इस स्टेज में तीन साल की प्री स्कूली शिक्षा तथा 2 साल की स्कूली शिक्षा को शामिल किया गया है। स्टेज के अंतर्गत भाषा कौशल और शिक्षण के विकास पर खास ध्यान दिया जाएगा।
प्रिपेरेटरी स्टेज- इस स्टेज पर 8 साल से 11 साल तक के बच्चों को शामिल किया गया है। जिसमें कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे शामिल है। इस स्टेज पर शिक्षकों द्वारा बच्चों की भाषा और संख्यामक्त में विकास किया जाएगा। बच्चों को इस स्टेज पर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी।
मिडिल स्टेज- इस स्टेज पर कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा। कक्षा 6 के बच्चों को कोडिंग भी सिखाई जाएगी एवं उनको व्यवसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी।
सेकेंडरी स्टेज- इस स्टेज पर कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को शामिल किया गया है। सरकार द्वारा इस स्टेज पर स्ट्रीम्स को खत्म कर दिया गया है जो कि पहले साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स थी। बच्चों द्वारा अब अपनी पसंद के सब्जेक्ट लिए जा सकते हैं।
MYNEP प्लेटफार्म पर रजिस्टर करने की प्रक्रिया
- सर्वप्रथम आपको MYNEP2020 प्लेटफार्म की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

- इसके पश्चात आपकी स्क्रीन होम पेज खुलकर आएगा।
- होम पेज पर आपको रजिस्ट्रेशन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।

- इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा जिसमें आपको निम्नलिखित जानकारी दर्ज करनी होगी।
- फर्स्ट नेम
- मिडल नेम
- लास्ट नेम
- जेंडर
- डेट ऑफ बर्थ
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- इसके पश्चात आपको रजिस्टर के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार आप MYNEP प्लेटफार्म पर रजिस्टर कर सकेंगे।
पोर्टल पर लॉगइन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको MYNEP2020 प्लेटफार्म की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- अब आपकी स्क्रीन पर होम पेज खुलेगा।
- होम पेज पर आपको लॉगइन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।

- इसके बाद आपको लॉगइनफॉर्म में पूछी गई जानकारियां दर्ज करनी होगी।
- अब आपको लॉगिन के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार आप MYNEP प्लेटफार्म पर लॉगिन कर सकेंगे।
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