देश में हर 5 साल पर भारत सरकार के द्वारा देश के नागरिकों के लिए सामाजिक और आर्थिक विकास प्रदान हेतु कई प्रकार की योजनाएं चलाई जाती है जिनमें से विशेष तौर पर पंचवर्षीय योजना होती है जोकि हर 5 साल पर केंद्रीकृत राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम के तौर पर चलती है वर्तमान समय में अब तक देश में 13 Panchvarshiya Yojana सुचारू रूप से चलाई जा चुकी है जिसके माध्यम से देश में रोजगार के अवसर नागरिकों को प्रदान करना कृषि विकास के क्षेत्र में कार्य करना भौतिक संसाधनों का उपयोग करना माननीय एवं उत्पादकता को बढ़ावा देना आदि का कार्य इन योजनाओं के द्वारा चलाया जा चुका है जिससे बहुत सी सुविधाएं देश के नागरिकों को प्रदान की जाती है
Panchvarshiya Yojana Kya Hoti Hai?
भारत में हर 5 साल पर सरकार के द्वारा एक ऐसी योजना शुरू की जाती है जिसके माध्यम से कृषि के विकास में,व्यापक संसाधनों में माननीय एवं उत्पादकता को बढ़ावा देने में तथा देश में बेरोजगारी दर को कम करने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने में नागरिकों को जोड़ा जाता है जिससे कि देश का भी विकास कार्य तेजी से बढ़ता है ऐसी योजनाओं को ही हम पंचवर्षीय योजना के नाम से जानते हैं जो कि सामाजिक और आर्थिक स्थिति को और भी ज्यादा मजबूत बनाने का कार्य करती हैं और इससे देश में केंद्रीकृत राष्ट्रीय आर्थिक कार्यक्रम की भी शुरुआत होती है।

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पंचवर्षीय योजना का उद्देश्य क्या है
जैसा कि हम जानते हैं कि पंचवर्षीय योजनाओं को आरंभ करने का मुख्य कारण देश की विकास की स्थिति को बढ़ाने का था जिससे विकास दर बढ़ सके और देश भी तरक्की की राह पर चल सके ऐसे में Panchvarshiya Yojana के द्वारा निवेश को भी बढ़ाने का कार्य किया जाता है जिससे रोजगार प्राप्ति, आधुनिकरण, गरीबी, न्याय आदि पर इन 5 वर्षों में ध्यान केंद्रित किया जा सके।जिससे इन पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति में भी काफी ज्यादा सुधार देखने को मिलता है जिसे सरकार देश के अन्य कार्यों को व्यवस्थित तौर पर इन योजनाओं के माध्यम से करने में सफल हो पाती है शायद यही कारण है किन पंचवर्षीय योजनाओं को लाकर तेजी से विकास कार्य को किया जाता है।
Key Highlights Of Panchvarshiya Yojana
योजना | पंचवर्षीय योजना |
शुरुवात | 9 जुलाई 1951 |
शुभारंभ | तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के द्वारा |
लाभार्थी | देश के संपूर्ण नागरिक |
उद्देश | देश में आर्थिक एवम सामाजिक विकास को बढ़ाना |
कितनी पंचवर्षीय योजना लागू हुई | 13 पंचवर्षीय योजना |
प्रथम पंचवर्षीय योजना | सन 1951-1956 तक |
द्वितीय पंचवर्षीय योजना | सन 1956-1961 तक |
तृतीय पंचवर्षीय योजना | सन 1961-1966 तक |
चतुर्थ पंचवर्षीय योजना | सन 1969-1974 तक |
पांचवी पंचवर्षीय योजना | सन 1974-1979 तक |
छठवीं पंचवर्षीय योजना | सन 1980-1985 तक |
सातवीं पंचवर्षीय योजना | सन 1985-1990 तक |
आठवीं पंचवर्षीय योजना | सन 1992-1997 तक |
नौवीं पंचवर्षीय योजना | सन 1997-2002 तक |
दसवीं पंचवर्षीय योजना | सन 2002-2007 तक |
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना | सन 2007-2012 तक |
बारहवीं पंचवर्षीय योजना | सन 2012-2017 तक |
तेरहवीं पंचवर्षीय योजना | सन 2017-2022 तक |
पंचवर्षीय योजना की विशेषताएं क्या है?
- Panchvarshiya Yojana को सबसे पहले भारत के तत्कालीन एवं प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 9 जुलाई 1951 को सदन में प्रस्तुत किया था
- पंचवर्षीय योजना के संचालन के लिए सबसे पहले भारतीय योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 को किया गया था।
- Panchvarshiya Yojana के अंतर्गत जो योजनाएं आती है उन्हें 5 वर्षों तक धरातल पर सुचारू रूप से चलाया जाता है जिससे देश में आर्थिक एवं सामाजिक विकास हो सके।
- पंचवर्षीय योजना के द्वारा ही निवेश को बढ़ाने का कार्य किया जाता है।
- देश में सामाजिक न्याय रोजगार आधुनिकरण गरीबी आदि पर विशेष ध्यान पंचवर्षीय योजनाओं के द्वारा ही दिया जाता है
- वर्तमान समय में देश में 13 पंचवर्षीय योजनाएं धरातल पर चलाई जा चुकी है।
- देश में आर्थिक व्यवस्था को सुधारना भी Panchvarshiya Yojana का मुख्य उद्देश्य माना जाता है
- पंचवर्षीय योजनाओं के द्वारा उत्पादन में खासतौर से वृद्धि की जाती है जिसमें संसाधनों का उचित आवंटन होता है और रोजगार भी प्राप्त मात्रा में प्रदान किए जाते हैं।
Panchvarshiya Yojana के बारे में विस्तार से जानकारी
जैसा कि आपको बताया गया कि भारत में आजादी के बाद से अब तक 13 पंचवर्षीय योजनाएं धरातल पर सुचारू रूप से चलाई जा चुकी है ऐसे में देश में आर्थिक एवं सामाजिक विकास में बढ़ोतरी भी देखने को मिली है तो निम्नलिखित हम आपको उन सभी Panchvarshiya Yojana के बारे में विस्तार से बताते हैं।
प्रथम पंचवर्षीय योजना(1951-1956)
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के द्वारा पहली पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की गई जो कि 1951 में की गई थी योजना देश के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चलाई जाती है जिसमें खासतौर से 1st Panchvarshiya Yojana में कृषि के क्षेत्र पर विशेष तौर पर ध्यान दिया गया था जिसमें खदान की कमी को खत्म करने का भी प्रयास किया गया और 5 इस्पात कारखानों की भी व्यवस्थित तौर पर नीव रखी गई थी खास तौर से देश में कृषि के क्षेत्र को ज्यादा बढ़ावा देने के लिए विशेष प्राथमिकता दी गई।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना(1956 -1961)
द्वितीय पंचवर्षीय योजना सन 1956 से 1961 तक चलाई गई जिस पर खासतौर से देश में उद्योगों पर ध्यान दिया गया था और औद्योगिक उत्पादकों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने का कार्य किया गया था और सरकार ने देश के नागरिकों की राष्ट्रीय आय में 25% तक की बढ़ोतरी का लक्ष्य भी निर्धारित किया इस 2nd Panchvarshiya Yojana के द्वारा देश में 3 बड़े इस्पात कारखाने खोले गए जोकि भिलाई, राउरकेला दुर्गापुर है। खास तौर से उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इस पंचवर्षीय योजना को चलाया गया था।
तृतीय पंचवर्षीय योजना(1961-1966)
तृतीय पंचवर्षीय योजना के द्वारा खासतौर से कृषि के क्षेत्र में गेहूं के उत्पादन में ज्यादा तवज्जो दी गई थी जिससे देश में कृषि के क्षेत्र को विस्तार किया जा सके परंतु 1962 के भारत-चीन युद्ध में देश की अर्थव्यवस्था की कमजोरी को उजागर कर दिया जिससे सरकार का ध्यान रक्षा उद्योग की तरफ केंद्रित हो गया इस 3rd Panchvarshiya Yojana के द्वारा पंजाब में गेहूं का अधिक से अधिक मात्रा में उत्पादन किया जाने लगा और सीमेंट और उर्वरक संयंत्र भी बनाए जाने लगे। इस योजना के द्वारा अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया गया।
चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-1974)
चौथी पंचवर्षीय योजना काफी ज्यादा लोगों के बीच चर्चित रही क्योंकि उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा 1971 चुनाव में विशेष तौर पर दिया था जिसमें खासतौर से प्रधानमंत्री ने 14 प्रमुख भारतीय बैंकों को राष्ट्रीयकृत भी किया और हरित क्रांति के द्वारा कृषि में भी उन्नति हुई और और इसी के साथ ही औद्योगिक विकास के लिए निर्धारित फंड को व्यवस्थित तौर पर विकास कार्यों के लिए भी भेज दिया गया था इस 4th Panchvarshiya Yojana के द्वारा खास करके आर्थिक विकास पर ज्यादा जोर दिया गया था।
पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974 – 1979 )
पांचवी पंचवर्षीय योजना में खासतौर से कृषि के उत्पादन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया था तथा उसके साथ साथ आत्मनिर्भरता पर भी विशेष ध्यान दिया गया इसके साथ 2 अक्टूबर 1975 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की भी स्थापना की गई थी इस 5th Panchvarshiya Yojana के द्वारा सामाजिक आर्थिक क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना तथा उसके साथ ही साथ गरीबी उन्मूलन की आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का मुख्य लक्ष्य रखा गया था जिसमें विशेष तौर पर कुछ सफलता भी हासिल हुई थी।
छठी पंचवर्षीय योजना (1980-1985)
छठी पंचवर्षीय योजना की शुरुआत का उद्देश्य मुख्य तौर पर आर्थिक उदारीकरण था जो कि सबसे पहले देश में जनता पार्टी के द्वारा अनवरत योजना के तौर पर विकसित किया गया परंतु 1980 में देश में इंदिरा गांधी की सरकार बनने पर इस अनवरत योजना को समाप्त कर दिया गया और फिर से नई 6th Panchvarshiya Yojana (1980-85)को स्थापित करने का कार्य किया गया जिसके द्वारा देश में गरीबी स्तर को खत्म करने तथा रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने का कार्य किया गया।
सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-1990)
भारत में सातवीं पंचवर्षीय योजना के द्वारा उत्पादन में बढ़ोतरी करने का कार्य किया गया और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कई जगह उत्पादन हेतु कारखाने भी खोले गए इस 7th Panchvarshiya Yojana के तहत ही इंदिरा गांधी आवास योजना(1985), जवाहर रोजगार योजना(1989)और नेहरू रोजगार योजना(1989) को धरातल पर लागू करने का कार्य किया गया था इस पंचवर्षीय योजना के तहत ही समाजवाद और बड़े पैमाने पर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने का भी कार्य किया गया जिसमें कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों को उन्नति की राह पर ले जाने का मुख्य उद्देश्य भी था।
आठवीं पंचवर्षीय योजना ( 1992-1997)
देश में आठवीं पंचवर्षीय योजना के द्वारा मानव संसाधन का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता के तौर पर दिया गया जिसमें रोजगार शिक्षा और जन स्वास्थ्य को विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित किया गया इस योजना के द्वारा ही देश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने का कार्य किया गया और उसके साथ ही साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को और अच्छा करने के लिए विदेशी कर्ज को सही किया करने का कार्य किया गया।इस 8th Panchvarshiya Yojana के द्वारा जनसंख्या वृद्धि बुनियादी ढांचे गरीबी में कमी रोजगार सृजन संस्थागत निर्माण पर्यटन प्रबंधन पंचायती राज गैर सरकारी संगठन विकेंद्रीकरण आदि तथा इसके साथ ही साथ और भी बहुत चीजों पर भागीदारी को मजबूत करने के लिए कार्य किया गया।
नवी पंचवर्षीय योजना (1997-2002)
देश में शुरू की गई 9th Panchvarshiya Yojana के द्वारा देश के अंतर्गत औद्योगिकरण रोजगार गरीबी मानव विकास घरेलू संसाधन आत्मनिर्भरता जैसे लक्ष्य को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था जिसके अंतर्गत स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना, जवाहर ग्राम समृद्धि योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, प्रधान मंत्री ग्रामोदय योजना आदि को विस्तृत तौर पर शामिल किया गया था और इसके साथ ही साथ बुनियादी ढांचे के रूप में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल उर्जा परिवहन सुरक्षित पानी जनसंख्या वृद्धि की जांच के लिए महिला सशक्तिकरण आदि भी प्रदान करने का कार्य किया गया।
दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-2007)
देश में 10th Panchvarshiya Yojana 2002 से 2007 तक चली थी जिसका मुख्य उद्देश्य गरीबी अनुपात को कम करना श्रम शक्ति को बढ़ावा देने के साथ-साथ लाभकारी और उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार लोगों को प्रदान करने का कार्य किया जाना था जिसमें इन सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास देखने को मिला जिसमें रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए गए इसके साथ ही साथ किसी निर्माण कार्य,पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी तथा संचार आदि क्षेत्रों में संबंधित सेवाओं से लोगों को रोजगार प्रदान करने का कार्य किया गया।
ग्यारवी पंचवर्षीय योजना (2007 -2012 )
देश में 11th Panchvarshiya Yojana की शुरुआत 2007 में की गई थी जिसका मुख्य उद्देश्य तेजी से समावेशी विकास करने का था हालांकि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए केंद्र ने लगभग 70,000 करोड़ रुपए 5 वर्षों के लिए राज्य में विकास हेतु अनुमोदित भी किया था जिसमें कृषि में 4% उद्योगों में लगभग 10% को प्राप्त करने का था तथा ग्रामीण इलाको में बिजली पहुंचाने का कार्य पंचवर्षीय योजना के द्वारा किया गया था।
बाहरवीं पंचवर्षीय योजना (2012 -2017 )
12th Panchvarshiya Yojana को देश में अप्रैल 2012 को लागू किया गया था जिसके द्वारा योजना आयोग ने 5 वर्षों में देश में सालाना 10 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर हासिल करने का मुख्य लक्ष्य रखा था परंतु उस समय पूरे विश्व भर में एक आर्थिक संकट उभर चुका था वैसे में वैश्विक आर्थिक संकट का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा इस बार भी पंचवर्षीय योजना के द्वारा आर्थिक क्षेत्र में कृषि ऊर्जा उद्योग संचार परिवहन ग्रामीण विकास शहरी विकास आदि को शामिल करने का कार्य किया गया तथा उसके साथ ही सामाजिक क्षेत्र में स्वास्थ्य,रोजगार, कौशल विकास, शिक्षा, महिला अभिकरण, बाल अधिकार, सामाजिक समावेशन को भी विस्तृत तौर पर शामिल किया गया।
तेहरवी पंचवर्षीय योजना (2017 – 2022 )
देश में 13th Panchvarshiya Yojana के द्वारा संसाधनों को बढ़ावा देने का कार्य किया गया जिसमें पुस्तकें क्लासरूम आदि को दुरुस्त भी किया गया खासतौर से इस पंचवर्षीय योजना में शिक्षा जगत को ध्यान में केंद्रित रखकर कार्य किया गया जिससे अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के कमजोर विद्यार्थियों को एक विशेष कक्षा में पढ़ाने का कार्य किया गया और राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा या सिविल सर्विसेज आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को एक विशेष प्रकार की गाइडेंस भी प्रदान की गई जिसमें कैरियर काउंसलिंग को भी बजट में शामिल किया गया।